5 राफेल की पहली खेप भारत के लिये रवाना: सोमवार २७ जुलाई २०२० को फ़्रांस से भारत के लिये, राफ़ेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप, जिसमें ५ राफ़ेल लड़ाकू विमान शामिल हैं, भारत के लिये रवाना हुई. यह विमान भारत को आधिकारिक रूप से पिछले साल यानी २०१९ में ही मिल गए थे, जब रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस पहुंचकर पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना के साथ इन्हें स्वीकार किया था.
तब से अबतक इनको लेकर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को पूरी तरह ट्रेनिंग दी जा रही थी। अब जाकर इसकी पहली खेप भारत को मिलने जा रही है. इन सभी राफ़ेल विमानों को फ़िलहाल अंबाला एयरबेस पर रखा जाएगा. United Arab Emirates (UAE) में २ दिन के विश्राम के बाद बुधवार को यह पांचों लड़ाकू विमान अंबाला बेस स्टेशन पहुंचेंगे.
फ़्रांस से भारत तक का लंबा सफ़र होने के कारण यह विमान United Arab Emirates (UAE) से रुकते हुए भारत पहुंचेंगे। इन विमानों के साथ हवा में ही फ़्यूल रिफ़िलिंग के लिये एक फ़्यूल विमान जिसे “एयर टू एयर रिफ़्यूलिंग टैंकर एयरक्राफ़्ट” (Air-to-Air Refueling Tanker Aircraft) कहा जाता है, इनके साथ रहेगा। राफ़ेल विमानों की बहुत सी खूबियों में से एक विशेष खूबी यह भी है कि इनमें हवा में ही बड़ी आसानी से फ़्यूल रिफ़िल किया जासकता है।
फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिलने मिलने वाले हैं, जिनमें से 5 अभी मिल रहे हैं. फ़्रांस पहले 10 राफेल जेट विमान इसी साल भारत को दे सकता है. जहां तक बाकी विमानों की बात डिलीवरी की जाए तो वह सभी 2021 तक पूरी हो पाएगी.
राफेल लड़ाकू विमान को पूरी दुनिया में आज तक का सबसे शानदार लड़ाकू विमान माना जाता है. राफेल एक मिनट में 18000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता रखता है. राफेल लड़ाकू विमान में 3 तरह की मिज़ाइलें लगी होती हैं. जिनमें स्कैल्प मिज़ाइल (Scalp Missile), मीटियोर मिज़ाइल (Meteor Missile) और हैम्मर मिज़ाइल (Hammer Missile) हैं.
अगर हम मीटियोर मिज़ाइल की बात करें तो यह 150 किलोमीटर तक प्रभावशाली तरीके से वार कर सकता है, जबकि स्कैल्प मिज़ाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है. तीसरा मिज़ाइल जोकि हैम्मर मिज़ाइल है जिसे हवा से जमीन पर घातक वार के लिए एक शानदार हथियार समजहा जाता है. आखिरकार एक लंबे समय के बाद राफेल की पहली खेप भारत के लिये रवाना हो चुकी है.