दिवाली तक मुफ्त अनाज पाने के लिए ऐसे बनाएं अपना ration card...जानें इससे जुड़ी तमाम बातें
हर राज्य में राशन कार्ड बनाने के नियम अलग-अलग हैं। हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में राशन कार्ड बन रहे हैं. कई राज्यों में राशन मुफ्त किया जाता है, जबकि कई राज्यों में यह 5 रुपये से 40 रुपये तक लिया जाता है।
आपके लिए यह जानना जरूरी है कि राशन कार्ड कितने प्रकार के होते हैं और कैसे बनते हैं। अगर आप राशन कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं तो आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि आप किस कैटेगरी के लिए फिट हैं।
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राशन कार्ड कई प्रकार के होते हैं। राशन कार्ड बनाने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति की जानकारी ली जाती है। आपका बीपीएल, एपीएल, एएवाई और एवाई कार्ड वित्तीय स्थिति के आधार पर बनाया जाता है। राशन कार्ड की मदद से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत उचित मूल्य की दुकानों से बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
अन्नपूर्णा योजना (AY) कार्ड असहाय, अत्यंत गरीब और जरूरतमंद लोगों को दिए जाते हैं। इसमें ऐसे बुजुर्गों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलती है। अन्नपूर्णा योजना के तहत ऐसे लोगों को हर महीने 10 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है।
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राशन कार्ड बनाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग नए राशन कार्ड बनाने से लेकर नाम काटने तक का काम करता है। इसलिए हर राज्य सरकारों ने राशन कार्ड बनाने से नाम हटाने के लिए अलग-अलग नियम तय किए हैं। प्रत्येक राज्य के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया भी अलग है। कहीं इसके लिए ऑफलाइन आवेदन लिए जाते हैं तो कहीं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन करने की सुविधा है।
राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदक को नाम मात्र का शुल्क भी देना होता है। इसके लिए आवेदक को अपने राज्य और क्षेत्र में जानना होगा। उदाहरण के लिए दिल्ली में यह शुल्क 5 रुपये से लेकर 45 रुपये तक है। आवेदन जमा करने के बाद इसे फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है। अधिकारी फॉर्म में भरी गई जानकारी का सत्यापन करता है। आम तौर पर यह परीक्षण आवेदन करने के 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाता है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होती है। सभी विवरण सत्यापित होने के बाद, राशन कार्ड तैयार किया जाता है। यदि कोई विवरण गलत पाया जाता है तो आवेदक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
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राशन कार्ड कई प्रकार के होते हैं। राशन कार्ड बनाने से पहले उनकी आर्थिक स्थिति की जानकारी ली जाती है। आपका बीपीएल, एपीएल, एएवाई और एवाई कार्ड वित्तीय स्थिति के आधार पर बनाया जाता है। राशन कार्ड की मदद से लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत उचित मूल्य की दुकानों से बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर खाद्यान्न खरीद सकते हैं।
अन्नपूर्णा योजना (AY) कार्ड असहाय, अत्यंत गरीब और जरूरतमंद लोगों को दिए जाते हैं। इसमें ऐसे बुजुर्गों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलती है। अन्नपूर्णा योजना के तहत ऐसे लोगों को हर महीने 10 किलो अनाज मुफ्त दिया जाता है।
राशन कार्ड बनाना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग नए राशन कार्ड बनाने से लेकर नाम काटने तक का काम करता है। इसलिए हर राज्य सरकारों ने राशन कार्ड बनाने से नाम हटाने के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं। प्रत्येक राज्य के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया भी अलग है। कहीं इसके लिए ऑफलाइन आवेदन लिए जाते हैं तो कहीं ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आवेदन करने की सुविधा है।
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राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदक को नाम मात्र का शुल्क भी देना होता है। इसके लिए आवेदक को अपने राज्य और क्षेत्र में जानना होगा। उदाहरण के लिए दिल्ली में यह शुल्क 5 रुपये से लेकर 45 रुपये तक है। आवेदन जमा करने के बाद इसे फील्ड वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाता है। अधिकारी फॉर्म में भरी गई जानकारी का सत्यापन करता है। आम तौर पर यह परीक्षण आवेदन करने के 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाता है। इसके बाद आगे की प्रक्रिया होती है। सभी विवरण सत्यापित होने के बाद, राशन कार्ड तैयार किया जाता है। यदि कोई विवरण गलत पाया जाता है तो आवेदक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
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राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है। इसलिए हर राज्य में राशन कार्ड के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है। कहीं ऑफलाइन के लिए ही आवेदन किया जा सकता है तो कहीं ऑनलाइन आवेदन की सुविधा है। उदाहरण के लिए, यदि आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, तो आप https://fcs.up.gov.in/FoodPortal.aspx पर जाकर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद इसमें सभी आवश्यक जानकारी भरकर अपने क्षेत्र के राशन डीलर या खाद्य आपूर्ति विभाग के कार्यालय में सौंप दें। आवेदन के लिए तहसील में इस कार्य से जुड़े अधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है। आवेदक चाहे तो राशन कार्ड के लिए कॉमन सर्विस सेंटर पर भी आवेदन कर सकता है। राशन कार्ड का फॉर्म सौंपने के बाद पर्ची लेना न भूलें।
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राशन कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, सरकार द्वारा जारी कोई भी आईडी कार्ड, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आईडी प्रूफ के रूप में दिया जा सकता है। इसके अलावा पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, आय प्रमाण पत्र, बिजली बिल, गैस कनेक्शन बुक, टेलीफोन बिल, बैंक स्टेटमेंट जैसे दस्तावेज
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