Tuesday, April 16, 2024
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मनरेगा (MANREGA) से संपन्नता की कहानी गढ़ते संपत

 मनरेगा (MANREGA) से संपन्नता की कहानी गढ़ते संपत

मेहनतकश लोग सही राह और संसाधनों का संबल पाकर संपन्नता की कहानी गढ़ लेते हैं। समृद्धि की ओर बढ़ता कोरिया जिले के पिपरिया में ऐसा ही परिवार है श्री संपत सिंह का। खरीफ की खेती के बाद परिवार के गुजारे के लिए अकुशल श्रम की कतार में लगने वाले इस परिवार को जब से मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से डबरी के रूप में जल-संचय का साधन मिला है, तब से इनकी खेती का तरीका ही बदल गया है।

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मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के पिपरिया गांव के श्री संपत सिंह के परिवार को अब बारिश के बाद के महीनों में रोजगार की चिंता नहीं है। मनरेगा ((MANREGA))से एक छोटा सा जल-संग्रह का साधन पाकर उनका परिवार आर्थिक उन्नति के रास्ते पर चल पड़ा है। डबरी बनने के बाद उन्होंने धान की दोगुनी उपज ली और अब वे अपनी बाड़ी में आलू के साथ ही टमाटर व मिर्च की खेती कर आमदनी का जरिया बढ़ा रहे हैं।

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श्री संपत सिंह के परिवार में माँ श्रीमती मानकुंवर, पिता श्री बुद्धु सिंह और पत्नी श्रीमती सुनीता सहित चार सदस्य हैं। अपने खेत में डबरी निर्माण के बारे में श्री संपत बताते हैं कि उनके पिता के नाम पर गाँव में कुल आठ एकड़ कृषि भूमि है, जिसमें से चार एकड़ भूमि घर से लगकर है।

file photo pro cg

सिंचाई के साधनों के अभाव में पूरी की पूरी जमीन असिंचित थी। गाँव में उनके चाचा और पड़ोस के अन्य किसानों के खेतों में डबरी बनने के बाद से उनकी खेती और जीवन में आये परिवर्तन ने ही उन्हें अपने खेत में डबरी बनाने के लिए प्रेरित किया। ग्राम पंचायत की मदद से मनरेगा से उनके खेत में डबरी बनी है। वे डबरी की बदौलत इस साल रबी फसल के रूप में गेहूँ लगाने की तैयारी में हैं।

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श्री संपत सिंह बताते हैं कि मनरेगा ((MANREGA))के तहत सितम्बर-2019 में उनके पिता श्री बुद्धु सिंह के नाम से खेत में डबरी निर्माण के लिए एक लाख 80 हजार रूपए स्वीकृत हुए थे। इस साल लॉक-डाउन के दौरान डबरी का काम पूरा हुआ। इस काम में मनरेगा मजदूरी के रूप में उनके परिवार को 18 हजार रूपए की मजदूरी प्राप्त हुई।

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श्री संपत सिंह ने इस राशि से बिजली से चलने वाला दो हॉर्सपावर का एक पम्प खरीदा, जिसका उपयोग वे डबरी से सिंचाई में करते हैं। डबरी में मछली पालन के लिए उन्होंने पाँच किलो मछली बीज डाला है। मनरेगा से खुदी यह डबरी श्री संपत सिंह और उनके परिवार की कृषि आधारित आजीविका को मजबूत करने के साथ ही सब्जियों की खेती तथा मछली पालन के रूप में कमाई का अतिरिक्त साधन भी मुहैया करा रहा है। मनरेगा से मिला संबल उनके परिवार को संपन्नता की राह दिखा रहा है।

source by pro cg 

Ashish Tiwari
Ashish Tiwarihttp://ainrajasthan.com
आवाज इंडिया न्यूज चैनल की शुरुआत 14 मई 2018 को श्री आशीष तिवारी द्वारा की गई थी। आवाज इंडिया न्यूज चैनल कम समय में देश में मुकाम हासिल कर चुका है। आज आवाज इन्डिया देश के 14 प्रदेशों में अपने 700 से ज्यादा सदस्यों के साथ बेहद जिम्मेदारी और निष्ठापूर्ण तरीके से कार्यरत है। जिन राज्यों में आवाज इंडिया न्यूज चैनल काम कर रहा है वह इस प्रकार हैं राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, केरला, ओड़िशा और तेलंगाना। आवाज इंडिया न्यूज चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आशीष तिवारी और डॉयरेक्टर श्रीमति सुरभि तिवारी हैं। श्री आशिष तिवारी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र मे पोस्ट ग्रेजुएशन किया और पिछले 30 साल से न्यूज मीडिया इन्डस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इस कार्यकाल में उन्हों ने देश की बड़ी बड़ी न्यूज एजेन्सीज और न्युज चैनल्स के साथ एक प्रभावी सदस्य की हैसियत से काम किया। अपने करियर के इस सफल और अदभुत तजुर्बे के आधार पर उन्होंने आवाज इंडिया न्यूज चैनल की नींव रखी और दो साल के कम समय में ही वह अपने चैनल के लिये न्यूज इन्डस्ट्री में एक अलग मकाम बनाने में कामयाब हुए हैं।
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