Home लाइफस्टाइल नेस्ले (Nestle) ही नहीं, आपके पसंदीदा ब्रांड भी ‘अनहेल्दी’ खाने को लेकर विवादों में रहे हैं..जानें विवरण

नेस्ले (Nestle) ही नहीं, आपके पसंदीदा ब्रांड भी ‘अनहेल्दी’ खाने को लेकर विवादों में रहे हैं..जानें विवरण

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नेस्ले (Nestle) ही नहीं, आपके पसंदीदा ब्रांड भी ‘अनहेल्दी’ खाने को लेकर विवादों में रहे हैं..जानें विवरण
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नेस्ले (Nestle) ही नहीं, आपके पसंदीदा ब्रांड भी ‘अनहेल्दी’ खाने को लेकर विवादों में रहे हैं..जानें विवरण

नेस्ले (Nestle) का 60 फीसदी खाना खराब होता है और कंपनी ने खुद इस बात को स्वीकार किया है। दुनिया की सबसे बड़ी फूड एंड ड्रिंक कंपनियों में से एक नेस्ले इन दिनों विवादों में है। मैगी, किटकैट और नेस्कैफे बनाने वाली नेस्ले के पास 60 प्रतिशत भोजन अस्वास्थ्यकर होता है। कंपनी ने खुद इसे स्वीकार कर लिया है और अब अपने उत्पादों में पोषण मूल्य बढ़ाने के लिए एक नई रणनीति पर काम कर रही है। हालांकि यह विवाद सिर्फ नेस्ले तक ही सीमित नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसी कंपनियां हैं जो हानिकारक खाने को लेकर विवादों में घिर चुकी हैं। तो आइए जानते हैं उनके बारे में-

मैगी में MSG

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 2015 में मैगी पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था क्योंकि परीक्षणों से पता चला था कि मैगी में अत्यधिक मात्रा में लेड था और इसके पैकेट पर ‘नो एडेड MSG’ लिखा हुआ था। उस समय, नेस्ले ने स्वाद बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट की मात्रा का संकेत नहीं दिया था। हालांकि, विवादों में आने के बाद नेस्ले ने ‘नो एडेड एमएसजी’ के दावे को खारिज कर दिया। बाद में नेस्ले ने मैगी को फिर से बाजार में उतारा।

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दिल्ली स्थित एनजीओ सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के एक अध्ययन से पता चला है कि पतंजलि, डाबर और झंडू सहित कई लोकप्रिय ब्रांडों द्वारा बेचे जाने वाले शहद में गन्ने, चावल, मक्का, चुकंदर से बने चीनी के उच्च स्तर हैं। मिलावट की गई। विक्रेताओं ने शहद वाली चीनी को ‘शुद्ध शहद’ के रूप में बेच दिया। बाद में जब इसकी जांच की गई तो 77 फीसदी शहद में चाशनी की मिलावट पाई गई। विशेष रूप से, जिन ब्रांडों ने उस समय परीक्षण पास नहीं किया था, उन्होंने अध्ययन के दावों का खंडन किया और अपने दावों पर जोर देने के लिए समाचार पत्रों में विस्तृत विज्ञापन भी दिए।

मदर डेयरी में डिटर्जेंट

2015 में मदर डेयरी के दूध के नमूनों में डिटर्जेंट मिला था। यह खुलासा उत्तर प्रदेश खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने किया। हालांकि मदर डेयरी ने पाउच में बेचे जाने वाले दूध में किसी तरह की मिलावट से इनकार किया है।

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ब्रिटानिया में कार्सिनोजेन्स (Carcinogens)

2016 में, एक सीएसई परीक्षण में पाया गया कि ब्रिटानिया के पैक्ड ब्रेड, पाव और बन में पोटेशियम ब्रोमेट और आयोडेट होते हैं, जिन्हें स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक माना जाता है। अध्ययन में डोमिनोज, मैकडॉनल्ड्स और सबवे जैसे फास्ट फूड चेन में बन्स और पिज्जा बेस में रासायनिक अवशेष पाए गए। बाद में इसे बैन भी कर दिया गया।

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