अजमेर :- वर्षो से इलेक्ट्रिक Train में सफर करने की बाट जोह रहे लोगों के इंतजार की घड़ि उस वक्त खत्म हो गई जब अजमेर स्टेशन से पहली बार इलेक्ट्रिक Janshatabdi Special Train मंगलवार प्रात 5:40 बजे दिल्ली अजमेर-सराय रोहिल्ला के लिए रवाना हुई।
नॉर्थ वेस्टर्न एंप्लाइज यूनियन के मंडल सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि 2017 में एक परियोजना के तहत आर ई के माध्यम से दिल्ली, अजमेर,उदयपुर, अहमदाबाद लाइन को विद्युतीकरण करने का कार्य देश की सरकार ने दिया उसे सही समय पर हमारे आर ई विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने पूरी मेहनत के साथ करने का कार्य किया ।यह गाड़ी दिनांक 27 जुलाई को दिल्ली सराय रोहिल्ला से दोपहर 4:15 पर रवाना हुई और अजमेर के प्लेटफार्म पर रात्रि 10 बजे पहुंची तो एक लंबा इंतजार खत्म हुआ।
यह अजमेर मंडल के लिए एक गर्व की बात है कि अजमेर मंडल का एक बहुत बड़ा हिसा विद्युतीकरण के काम को पूरा कर चुका है और आने वाले समय में भी गाड़ियां दिल्ली सराय रोहिल्ला से अजमेर, दिल्ली से उदयपुर व अहमदाबाद चलने का काम होगा । आने वाले समय में सभी गाडियां इलेक्ट्रिक पावर के साथ चलेगी। साथ ही डीजल इंजन जिसमें ज्यादा खर्चे के साथ गाड़ियों का संचालन होता है विद्युत इंजन के साथ जब यह गाड़ियां चलेगी तो कम खर्चे में संचालन होने का काम होगा। व समय की बचत के साथ-साथ ट्रेन की रफ्तार भी बढ़ेगी।इसी कड़ी में अजमेर स्टेशन से पहली बार इलेक्ट्रिक Janshatabdi Special Train 28 जुलाई मंगलवार प्रात 5:40 बजे दिल्ली अजमेर-सराय रोहिल्ला के लिए रवाना हुई। इसके साथ ही 28 जुलाई मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया।
ट्रेन का अजमेर से दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच किशनगढ़, फुलेरा, रींगस, नीमकाथाना, नारनोल, रेवाड़ी, गुड़गांव, देहली कैंट में पूर्व की तरह ही ठहराव रहेगा, इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है।
इस अवसर पर कोरोना महामारी के चलते किसी प्रकार के बड़े समारोह का आयोजन नहीं किया गया। इस इलेक्ट्रिक ट्रैन से सफर करने वाले यात्रियों में भी उत्साह देखा गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल बिजली अभियंता ट्रैक्शन पंकज मीणा, स्टेशन डायरेक्टर आरएल देवड़ा, स्टेशन प्रबंधक सुरेशचंद्र भारद्वाज मौजूद रहे।
मालूम हो कि ये ट्रेन अजमेर के तत्कालीन सांसद एवं केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट के प्रयासाें से शुरू हुई थी। तब इस ट्रेन का नाम दूरंताे एक्सप्रेस था। इसे बाद में जनशताब्दी एक्सप्रेस का नाम दिया गया। लॉकडाउन के बाद से ये स्पेशल ट्रेन के रूप में संचालित हो रही है। फिलहाल ये ट्रेन सप्ताह में 5 दिन संचालित हाे रही है।
इलेक्ट्रिक इंजन से खर्च कम
एक पैसेंजर ट्रेन को डीजल इंजन से चलाने पर 480 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आता है जबकि इलेक्ट्रिक इंजन में यह खर्च सिर्फ 250 रुपये प्रति किलोमीटर आएगा। इससे समय की कमी के साथ-साथ रफ्तार भी बढ़ेगी।
सन 1981 में अजमेर से नीमच के बीच पहली बार मीटर गेज के जरिए ट्रेन चली थी। इसके बाद सन् 1995 में पहली ब्रॉड गेज ट्रेन अजमेर से जयपुर दिल्ली के बीच ट्रेन चलने के बाद मंगलवार 28 जुलाई 2020 को इलेक्ट्रिक ट्रेन की शुरुआत हुई।
जयपुर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण स्थल पर लगभग 200 फीट भूमिगत एक कैप्सूल रखा जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि समय कैप्सूल भविष्य में किसी को भी मदद करेगा जो मंदिर के इतिहास का अध्ययन करना चाहता है।
राम मंदिर निर्माण स्थल पर लगभग 200 फीट भूमिगत एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। यह मंदिर के इतिहास का अध्ययन करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति की मदद करेगा।
चौपाल ने कहा कि व्यक्ति को केवल राम जन्मभूमि से संबंधित तथ्य मिलेंगे।
मंदिर की नींव बनाने के लिए जमीन को खोदने के लिए 200 फीट की गहराई पर टाइम कैप्सूल रखा जाएगा।
समय कैप्सूल में अयोध्या और भगवान राम के बारे में विवरण होगा। यह एक तांबे की प्लेट पर लिखा जाएगा ताकि भविष्य की पीढ़ियों को अदालत में खड़ा न होना पड़े, चौपाल ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम संभव शब्दों में सटीक सामग्री पर निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञों से संपर्क किया गया है। वे समय कैप्सूल की तैयारी पर भी सुझाव देंगे ताकि यह हजारों वर्षों तक चल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन में भाग लेंगे। यह भारत के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण होगा।
5 अगस्त को दोपहर 12.30 बजे, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए जमीन तोड़ने का कार्य करेंगे।
कई ज्योतिषियों द्वारा किए गए सुझावों के अनुसार कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया गया था।
मंदिर के वास्तुकार ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर 161 फीट लंबा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 1988 में तैयार किए गए मूल डिजाइन में ऊंचाई 141 फीट थी।
पहले का डिजाइन 1988 में तैयार किया गया था और 30 साल से अधिक समय बीत चुका है। लोग मंदिर जाने को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं। इसलिए हमें इसके आकार में वृद्धि करनी चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई के मुख्य वास्तुकार ने बताया कि संशोधित डिजाइन के अनुसार, मंदिर की ऊंचाई 141 फीट से बढ़ाकर 161 फीट, निखिल सोमपुरा, वास्तुकार और सी सोमपुरा के बेटे सी।
उन्होंने यह भी कहा कि दो मंडपों को जोड़ा गया है और पहले के डिजाइन के आधार पर नक्काशी किए गए सभी खंभे और पत्थर अभी भी उपयोग किए जाएंगे, उन्होंने यह भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर के निर्माण में 3.5 साल लगेंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ने फैसला किया है कि अधिकतम सामाजिक भेद सुनिश्चित करने के लिए 150 लोगों सहित 200 से अधिक लोगों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि आयोजन में 150 आमंत्रितों सहित 200 से अधिक लोग नहीं होंगे।
शिलान्यास करने से पहले पीएम मोदी मंदिर में भगवान राम और अयोध्या में गढ़ी मंदिर में भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना करेंगे। कार्यक्रम के लिए विभिन्न राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को आमंत्रित किया जाएगा।
समारोह के लिए दिग्गज भाजपा नेता, लालकृष्ण आडवाणी को भी आमंत्रित किया जाएगा। कार्यक्रम के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई है। अनुष्ठान 3 अगस्त से शुरू होगा और 5 अगस्त को एक ईंट पूजन के साथ समाप्त होगा, जिसके बाद मंदिर का निर्माण शुरू होगा।
राजस्थान बोर्ड, अजमेर ने आरबीएसई कक्षा 10 परिणाम 2020 घोषित किया है। यहाँ rajresults.nic.in और आधिकारिक वेबसाइट rajeduboard.rajasthan.gov.in और indiaresults.com पर RBSE 10 वीं परिणाम 2020 की जांच करने का तरीका बताया गया है।
राजस्थान बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन, RBSE अजमेर ने 2020 के लिए कक्षा 10 के परिणाम आज यानी 28 जुलाई, 2020 को घोषित किए हैं। बोर्ड द्वारा बताए गए परिणाम आधिकारिक वेबसाइट Rajresults.nic.in के साथ-साथ अन्य तीसरे पर भी जारी किए गए हैं। -पार्टी वेबसाइट्स जैसे कि indiaresults.com। यहां RBSE 10 वीं परिणाम 2020 को ऑनलाइन कैसे चेक किया जाए, इस बारे में एक स्टेप बाय स्टेप गाइड है। इस साल छात्रों की संख्या 118600 थी और कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 80.63% था। पासिंग पर्सेंटेज 78.99% है और पासिंग पर्सेंटेज 81% है।
आधिकारिक वेबसाइट के अलावा RBSE 10 वीं का रिजल्ट indiaresults.com और examresults.net जैसी थर्ड पार्टी वेबसाइट्स पर भी उपलब्ध है। हालांकि, तृतीय-पक्ष वेबसाइटें आधिकारिक वेबसाइट पर शाम 4 बजे घोषित होने के बाद ही परिणाम प्रकाशित करेंगी। 28 जुलाई, 2020 को आज शाम 4 बजे परिणाम घोषित होने के बाद नीचे दी गई सभी वेबसाइटों के लिए एक सीधा लिंक प्रदान किया जाएगा।
छात्र कृपया ध्यान दें कि परिणाम ऑनलाइन जांचने के लिए उन्हें अपने बोर्ड रोल नंबर की आवश्यकता होगी। बोर्ड रोल नंबर परीक्षा से पहले आरबीएसई द्वारा जारी किए गए एडमिट कार्ड पर छपा होता है। छात्र यह सुनिश्चित करने के लिए अपने बोर्ड रोल नंबर को आज अच्छी तरह से तैयार रख सकते हैं कि वे अपने परिणाम ऑनलाइन जांचने में सक्षम हैं।
राजस्थान बोर्ड, आरबीएसई 10 वीं परिणाम 2020: ऑनलाइन कैसे चेक करें
आधिकारिक वेबसाइट rajresults.nic.in पर जाएं। छात्र rajeduboard.rajasthan.gov.in पर भी जा सकते हैं और परिणाम टैब पर क्लिक कर सकते हैं, जो उन्हें फिर से Rajresults.nic.in वेबसाइट पर पुनर्निर्देशित करेगा।
मुख पृष्ठ पर, माध्यमिक विद्यालय – 2020 परिणाम पर क्लिक करें, लिंक अब सक्रिय है।
एक नई विंडो खुल जाएगी। रोल नंबर और कैप्चा नंबर (स्क्रीन पर) दर्ज करें और फिर सबमिट पर क्लिक करें। आपका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
छात्र कृपया ध्यान दें कि परिणाम की जांच करने के लिए लिंक आज दोपहर 4 बजे सक्रिय हो जाएगा। उसके बाद ही परिणाम मिलेंगे।
राजस्थान बोर्ड, आरबीएसई 10 वीं परिणाम 2020: मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से कैसे जांच करें
इस साल छात्र अपने इंटरनेट कनेक्शन कमजोर होने की स्थिति में मोबाइल फोन पर भी अपना परिणाम देख सकेंगे। फोन पर परिणाम की जांच करने के लिए, छात्रों को RESULT <space> RAJ10 <space> रोल नंबर टाइप करना होगा और इसे 56263 पर भेजना होगा
इस साल कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में लगभग 11.5 लाख छात्र उपस्थित हुए हैं। मार्च, अप्रैल के कुछ शेष कागजात 29 जून और 30 जून को सख्त COVID10 सुरक्षा उपायों के तहत आयोजित किए गए थे। परीक्षा केंद्र बढ़ाए गए थे। परिणाम की गणना बोर्ड द्वारा आयोजित सभी पत्रों के आधार पर की जाएगी।
राफ़ेल जेट: (Rafale Jet IAF) बुधवार २९ जुलाई २०२० को सुबह अम्बाला एयरबेस पर भारत के पहले पांच ५ राफ़ेल लड़ाकू विमान पहुंचेंगे. राफ़ेल लड़ाकू विमान दुनिया के सब से खतरनाक लड़ाकू विमान माने जाते हैं. इन्डियन एयरफ़ोर्स में इन लड़ाकू विमानों का आना जहां एयरफ़ोर्स का मनोबल बढाएगा, वहीं दुशमनों के लिये हमेशा एक खतरे का अलार्म बना रहेगा. आज हम जानेंगे कि आखिर यह राफ़ेल लड़ाकू विमान हैं क्या?
राफेल का अर्थ क्या है?
राफेल का स्थानीय भाषा में अर्थ होता है तूफान. इस आला दर्जे के लड़ाकू विमान को एक फ्रांसीसी कंपनी ने बनाया है, जिसका नाम है “द सॉल्ट एविएशन” Dassault Aviation. 2004 में राफ़ेल लड़ाकू विमानों को फ्रांसीसी नेवी में शामिल किया गया, जबकि 2006 मे इन्हें फ्रांसीसी एयरफोर्स का हिस्सा बनाया गया.
इन्डिया के अलावा कतर और मिस्र ने भी राफेल लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है. राफेल नीचे दी गई सभी सिच्येशन्स को आसानी से हैंडल करने में सक्षम है:
क्लोज एयर सपोर्ट
एयर डिफेंस
परमाणु निवारण
एंटी शिप अटैक
एयर सुपिरिओरिटी
लेजर डायरेक्ट (Laser direct) लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक (long range missile attack)
इस में कोई सन्देह नहीं है कि राफेल लड़ाकू विमानों के भारतीय वायूसेना में आने के बाद भारतीय वायुसेना पहले से ज़्यादा मज़बूत होगी और उसका मनोबल भी बढ़ेगा.
स्काल्प मिज़ाइल की मारक क्षमता करीब 300 किलोमीटर है.
राफेल लडाकू विमान में इन्डियन एयरफ़ोर्स की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए कुच्छ बदलाव भी किये जाएंगे.
राफेल लडाकू विमान में राडार वार्निंग रिसीवर्स, इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, लो बैंड जैमर्स, इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम Infrared Search Tracking System और 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम 10 hours Flight data recording system लगाया जाएगा.
राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलो तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है.
राफेल की लम्बाई 15.27 मीटर और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है.
राफेल जेट एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है. राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. जिससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी. एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है. राफ़ेल जेट बुधवार २९ जुलाई २०२० को सुबह भारत पहुंच जाएंगे.
5 राफेल की पहली खेप भारत के लिये रवाना: सोमवार २७ जुलाई २०२० को फ़्रांस से भारत के लिये, राफ़ेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप, जिसमें ५ राफ़ेल लड़ाकू विमान शामिल हैं, भारत के लिये रवाना हुई. यह विमान भारत को आधिकारिक रूप से पिछले साल यानी २०१९ में ही मिल गए थे, जब रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने फ्रांस पहुंचकर पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना के साथ इन्हें स्वीकार किया था.
तब से अबतक इनको लेकर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों को पूरी तरह ट्रेनिंग दी जा रही थी। अब जाकर इसकी पहली खेप भारत को मिलने जा रही है. इन सभी राफ़ेल विमानों को फ़िलहाल अंबाला एयरबेस पर रखा जाएगा. United Arab Emirates (UAE) में २ दिन के विश्राम के बाद बुधवार को यह पांचों लड़ाकू विमान अंबाला बेस स्टेशन पहुंचेंगे.
फ़्रांस से भारत तक का लंबा सफ़र होने के कारण यह विमान United Arab Emirates (UAE) से रुकते हुए भारत पहुंचेंगे। इन विमानों के साथ हवा में ही फ़्यूल रिफ़िलिंग के लिये एक फ़्यूल विमान जिसे “एयर टू एयर रिफ़्यूलिंग टैंकर एयरक्राफ़्ट” (Air-to-Air Refueling Tanker Aircraft) कहा जाता है, इनके साथ रहेगा। राफ़ेल विमानों की बहुत सी खूबियों में से एक विशेष खूबी यह भी है कि इनमें हवा में ही बड़ी आसानी से फ़्यूल रिफ़िल किया जासकता है।
फ्रांस से कुल 36 राफेल लड़ाकू विमान भारत को मिलने मिलने वाले हैं, जिनमें से 5 अभी मिल रहे हैं. फ़्रांस पहले 10 राफेल जेट विमान इसी साल भारत को दे सकता है. जहां तक बाकी विमानों की बात डिलीवरी की जाए तो वह सभी 2021 तक पूरी हो पाएगी.
राफेल लड़ाकू विमान को पूरी दुनिया में आज तक का सबसे शानदार लड़ाकू विमान माना जाता है. राफेल एक मिनट में 18000 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने की क्षमता रखता है. राफेल लड़ाकू विमान में 3 तरह की मिज़ाइलें लगी होती हैं. जिनमें स्कैल्प मिज़ाइल (Scalp Missile), मीटियोर मिज़ाइल (Meteor Missile) और हैम्मर मिज़ाइल (Hammer Missile) हैं.
अगर हम मीटियोर मिज़ाइल की बात करें तो यह 150 किलोमीटर तक प्रभावशाली तरीके से वार कर सकता है, जबकि स्कैल्प मिज़ाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है. तीसरा मिज़ाइल जोकि हैम्मर मिज़ाइल है जिसे हवा से जमीन पर घातक वार के लिए एक शानदार हथियार समजहा जाता है. आखिरकार एक लंबे समय के बाद राफेल की पहली खेप भारत के लिये रवाना हो चुकी है.
जनसुनवाई के प्रकरणों का समय पर निस्तारण नही करने पर अधिकारियों पर होगी कार्रवाही: SDM Malhotra
छोटीसादड़ी। पंचायत समिति के राजीव गांधी सभागार में उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता मे साप्ताहिक बैठक आयोजित की गई। जिसमें पानी,बिजली, मौसमी बीमारी,कोरोना संक्रमण, सड़क अन्य अन्य विभागों के बारे में चर्चा कि गई। सभी विभागाध्यक्षों को जनसुनवाई के प्रकरणों का तीव्र गति से निस्तरण करने हेतु निर्देशित किया गया।
जिसमें तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं ब्लॉक लेवल अधिकारी व सभी अधिकारीयों ने भाग लिया। उपखण्ड अधिकारी द्वारा सभी ब्लॉक लेवल अधिकारीयों को निर्देशित किया गया कि अपने अपने विभाग में सभी कर्मचारियों द्वारा मास्क अनिवार्य रूप से पहने एवं समय समय पर कार्यालय को सेनेटाईज करें एवं साबुन से हाथ धोये।
इस दौरान राजकीय जन कल्याणकारी योजना को आमजन तक पहुंचाए एवं किसी भी व्यक्ति को कार्यालय का चक्कर नही कटवाये।लोक सेवा गारन्टी अधिनियम के तहत समय पर काम करे। चिकित्सा विभाग से डॉ कुमुद माथुर से कोरोना महामारी के बारे में जानकारी ली और सभी एएनएम को ग्रामीण में कोरोना के संक्रमण के बारे में जानकारी के बारे में निर्देशित किया गया।
साथ ही सैम्पलिंग कोरोना की जांच बढाने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि जो कर्मचारी मुख्यालय पर नही रहता है।उसका मकान किराया देय नही होगा एवं बाहर से आने वाले कर्मचारियों की कोरोना टेस्ट करवाया जाना अनिवार्य है।
तहसीलदार छोटीसादडी को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक पटवारी अपने- अपने पटवार मुख्यालयों पर उपस्थित रहेगें। यदि किसी के पास दो या तीन चार्ज है तो वह दिन तय करे की इस वार को यंहा उपस्थित होगा। बैठक में तहसीलदार सुन्दरलाल कटारा, विकास अधिकारी विश्वनाथ शर्मा, बीसीएमओं, डॉ कुमुद माथुर, सीबीईओ महेन्द्रसिंह गुप्ता, लोक सार्वजनिक निर्माण विभाग जेईएन दयाराम मीणा,सहायक अभियन्ता अवीवीएनलि सहित अधिकारी मौजूद रहे।
नई दिल्ली: टिक टॉक सहित 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बाद, सरकार ने अधिक ऐप के खिलाफ कार्रवाई की है। सरकार ने 275 ऐप्स की सूची तैयार की है, जिसमें PUBG भी शामिल है, जो दुनिया के सबसे लोकप्रिय गेम ऐप में से एक है। सरकार जांच कर रही है कि क्या ये ऐप किसी भी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तियों की निजता को प्रभावित करते हैं।
PUBG के अलावा, ऐसी रिपोर्टें हैं कि सूची में सिल्ली और यू लाइक जैसे ऐप शामिल हैं। चीनी कंपनियों के ऐप्स के अलावा, सूची में चीन से संबंधित ऐप भी शामिल हैं। सरकार यह जांच कर रही है कि ये ऐप डेटा गोपनीयता को किस हद तक सुनिश्चित करते हैं। संकेत हैं कि डेटा लीक का पता चलने पर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
कुछ ऐप राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से सूची में शामिल हैं। लेकिन दूसरों को डेटा साझा करने और गोपनीयता के उल्लंघन के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सरकार इन एप्स के जरिए चीन में डेटा लीक पर भी गौर कर रही है।
इससे पहले, सरकार ने भारत-चीन संघर्ष के बाद 59 चीनी-संबंधित ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। लोकप्रिय टिकटॉक और यूसी ब्राउज़र सहित ऐप्स के खिलाफ कदम, मुख्य रूप से इस खोज पर आधारित था कि डेटा निजी नहीं है और यह डेटा लीक है।
कंटेंट हाइलाइट्स: सरकार ने PUBG पर प्रतिबंध लगा दिया, 59 चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई के बाद 273 अन्य ऐप
इन चीनी एप पर लगा प्रतिबंध
टिकटॉक- TikTok, शेयरइट- Shareit, कवाई- Kwai, यूसी ब्राउजर- UC Browser, बायडू मैप- Baidu map, शेन- Shein, क्लैश ऑफ किंग्स- Clash of Kings, डीयू बैटरी सेवर- DU battery saver, हेलो- Helo, लाइकी- Likee, यूकैम मेकअप- YouCam makeup, एमआई कम्युनिटी- Mi Community, सीएम ब्राउजर- CM Browers, वायरस क्लिनर- Virus Cleaner, आपुस ब्राउजर- APUS Browser, रोमवी- ROMWE, क्लब फैक्ट्री- Club Factory, न्यूजडॉग- Newsdog, ब्यूटी प्लस- Beutry Plus, वीचैट- WeChat, यूसी न्यूज- UC News, क्यूक्यू मेल- QQ Mail, वीबो- Weibo समेत 59 एप्स पर प्रतिबंध लगाया गया है।
Ram Temple:बिजनेस टायकून Mukesh Ambani और Gautam Adani 5 अगस्त को राम मंदिर के मेगा ‘भूमि पूजन’ समारोह में शामिल होने के लिए 200 चुनिंदा आमंत्रितों का हिस्सा बन सकते हैं।
न्यूज डेस्क:Reliance Industries Limited(रिलायन्स इण्डस्ट्रीज) (RIL) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी और अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के बीच 5 अगस्त को राम मंदिर के मेगा ‘भूमि पूजन’ समारोह में शामिल होने के लिए 200 चुनिंदा आमंत्रितों में शामिल होने की संभावना है। कोरोनावायरस महामारी, अधिकारियों ने आमंत्रितों की सूची को यथासंभव छोटा रखने का फैसला किया है और केवल वीवीआईपी को ग्राउंडब्रेकिंग समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के लोगों के समन्वय में श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट द्वारा सूची तैयार की जा रही है। आमंत्रितों की सूची को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है जिसमें कला, साहित्य, संस्कृति और औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख लोग शामिल हैं।
राम मंदिर के ‘भूमि पूजन’ के अवसर पर अंबानी और अडानी की मौजूदगी को न केवल राम मंदिर बल्कि पूरे शहर में “तीर्थक्षेत्र” के विकास में उद्योगपति की भूमिका के बारे में एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य शीर्ष भाजपा नेताओं और प्रमुख हस्तियों के साथ अयोध्या में रामजन्मभूमि पर एक मेगा राम मंदिर की आधारशिला रखने की संभावना है।
‘भूमि पूजन’ समारोह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार आयोजित किया जाएगा और गंगा और यमुना सहित पवित्र नदियों के पानी और प्राचीन हिंदू देवता भगवान राम द्वारा देखी गई जगहों से मिट्टी का उपयोग किया जाएगा।
राम जन्मभूमि, राम जन्मभूमि में “पवित्र भूमि से पानी और भगवान राम ने जहां भगवान राम के दर्शन किए थे, उनका उपयोग ‘भूमि पूजन’ में ‘अभिषेक’ के दौरान किया जाएगा। हमारे स्वयंसेवक उन्हें देश भर से अयोध्या भेज रहे हैं।” तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा।
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंदुओं के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद राम मंदिर का निर्माण साफ हो गया था और रामजन्मभूमि स्थल पर निर्माण की अनुमति दी गई थी, जिसमें मुस्लिम पक्षकारों ने दावा किया था कि यह जमीन उनकी है। शीर्ष अदालत के फैसले ने सवाल में भूमि के स्वामित्व को लेकर हिंदू और मुसलमानों के बीच दशकों पुराने विवाद को समाप्त कर दिया।
PM Narendra Modi की ‘मन की बात’ का यह 67वां एपिसोड था
न्यूज़ डेस्क गंगरार :- आज चौगांवड़ी बूथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया. ‘मन की बात’ का यह 67वां एपिसोड था. पीएम ने कहा कि आज 26 जुलाई है, आज का दिन बहुत खास है. आज ‘कारगिल विजय दिवस’ है. 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था.
जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं,भारत की सेनाओं के ऊंचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई
PM Narendra Modi ने कारगिल विजय दिवस पर चर्चा करते हुए कहा कि कारगिल का युद्ध जिन परिस्थितियों में हुआ था, वो भारत कभी नहीं भूल सकता. प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आंतरिक कलह से ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था. भारत तब पाकिस्तान से अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत था लेकिन, कहा जाता है न दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना.
पाकिस्तान ने पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश की थी
PM Narendra Modi ने कहा कि ऐसे स्वभाव के लोग, जो हित करता है, उसका भी नुकसान ही सोचते हैं, इसीलिए भारत की मित्रता के जवाब में पाकिस्तान द्वारा पीठ में छुरा घोंपने की कोशिश हुई थी,लेकिन, उसके बावजूद भारत की वीर सेना ने जो पराक्रम दिखाया, भारत ने अपनी जो ताकत दिखाई, उसे पूरी दुनिया ने देखा.
21 साल पहले आज के ही दिन भारत ने जीत का झंडा फहराया था
उन्होंने कहा कि आज 26 जुलाई है. आज का दिन बहुत खास है. आज कारगिल विजय दिवस है. 21 साल पहले आज के ही दिन कारगिल के युद्ध में हमारी सेना ने भारत की जीत का झंडा फहराया था.
PM Narendra Modi ने कहा, आप कल्पना कर सकते हैं. आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊचें पहाडों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेना, हमारे वीर जवान लेकिन जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं,भारत की सेनाओं के ऊंचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई. उस समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नौजवानों से आग्रह करते हुए कहा कि आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियां, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं और साझा करें. गैलेंट्री अवार्ड वेबसाइट पर विजिट करें, जहां वीर पराक्रमी योद्धाओं और उनके पराक्रम के बारे में बहुत सारी जानकारियां प्राप्त होंगीं.
प्रधानमंत्री ने किया अटल बिहारी वाजपेयी को याद
PM Narendra Modi ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल जी ने लालकिले से जो कहा था, वो, आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है. अटल जी ने, तब, देश को, गांधी जी के एक मंत्र की याद दिलाई थी. महात्मा गांधी का मंत्र था, कि, यद किसी को कभी कोई दुविधा हो, कि, उसे क्या करना, क्या न करना, तो, उसे भारत के सबसे गरीब और असहाय व्यक्ति के बारे में सोचना चाहिए. उसे ये सोचना चाहिए कि जो वो करे जा रहा है, उससे, उस व्यक्ति की भलाई होगी या नहीं होगी.
गांधी जी के इस विचार से आगे बढ़कर अटल जी ने कहा था, कि, कारगिल युद्ध ने, हमें एक दूसरा मंत्र दिया है-ये मंत्र था, कि, कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले, हम ये सोचें, कि, क्या हमारा ये कदम, उस सैनिक के सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी.
पीएम ने पाकिस्तान पर साधा निशाना
करगिल दिवस पर PM Modi ने सबसे पहले पाकिस्तान पर निशाना साधा. मोदी ने कहा कि दुष्ट का स्वभाव ही होता है सबसे बिना वजह दुशमनी करना, हित करने वाले का भी नुकसान सोचना. मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने पीठ पर छुरा घोंपा था. पीएम मोदी ने कहा कि साथियों, उस समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है.
प्रधानमंत्री ने युवाओं से की अपील
प्रधानमंत्री ने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि मेरा, देश के नौजवानों से आग्रह है, कि आज दिन-भर कारगिल विजय से जुड़े हमारे जाबाजों की कहानियाँ, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं, शेयर करें. उन्होंने कहा कि मैं,आज सभी देशवासियों की तरफ से हमारे इन वीर जवानों के साथ-साथ, उनकी माताओं को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने, माँ-भारती के सच्चे सपूतों को जन्म दिया.
पीएम मोदी बोले, कोरोना का खतरा टला नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा कि साथियों कोरोना का खतरा टला नहीं है. कई स्थानों पर यह तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि हमें कोरोना संक्रमण को लेकर पूरी सावधानी बरतनी है. चेहरे पर मास्क लगाना या गमछे का उपयोग करना, दो गज की दूरी, लगातार हाथ धोना, कहीं पर भी थूकना नहीं, साफ सफाई का पूरा ध्यान रखना-यही हमारे हथियार हैं जो हमें कोरोना से बचा सकते हैं.
PM Modi ने अपील की कि जब भी आपको मास्क के कारण परेशानी महसूस होती हो, मन करता हो उतार देना है. तो पल-भर के लिए उन डॉक्टर्स का स्मरण कीजिये, उन नर्सों का स्मरण कीजिये, हमारे उन कोरोना वारियर्स का स्मरण कीजिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ हमें कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरी सजगता और सतर्कता के साथ लड़ना है, तो दूसरी ओर, कठोर मेहनत से, व्यवसाय, नौकरी, पढाई, जो भी, कर्तव्य हम निभाते हैं, उसमें गति लानी है, उसको भी नई ऊंचाई पर ले जाना है.
रक्षाबंधन को लेकर कही ये बात
रक्षाबंधन की बात करते हुए PM Modi ने कहा कि अभी कुछ दिन बाद रक्षाबंधन का पावन पर्व आ रहा है. मैं, इन दिनों देख रहा हूँ कि कई लोग और संस्थायें इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहें हैं. कई लोग इसे Vocal for local से भी जोड़ रहे हैं, और, बात भी सही है.” इस मौके पर देवी सिंह जी राणावत, मिठू जी टेलर,पन्ना लाल जी कुम्हार,गोविंद सिंह जी,पप्पू जाट,बुद्धि प्रकाश शर्मा,विकाश श्रोत्रिय,कमलेश सेन व भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
न्यूज़ डेस्क :- CM Ashok Gehlot के दूसरे प्रस्ताव में कोरोनोवायरस और अन्य विधायकों पर चर्चा के लिए कहा गया है, जबकि इसने फ्लोर टेस्ट के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है, जिसे वह रिपोर्ट के अनुसार संकट में अपनी सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं।
राजस्थान में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, CM Ashok Gehlot ने राज्यपाल कालराज मिश्र को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए एक नया प्रस्ताव भेजा है, जिसमें उन्हें 31 जुलाई से सत्र शुरू करने के लिए कहा गया है।
CM Ashok Gehlot के दूसरे प्रस्ताव में कोरोनोवायरस और अन्य विधेयकों पर चर्चा के लिए कहा गया है, जबकि इसने फ्लोर टेस्ट के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया है, जिसे वह रिपोर्ट के अनुसार संकट में अपनी सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं।
राज्यपाल कलराज मिश्र, जिन्होंने पहले CM Ashok Gehlot के प्रस्ताव को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि इसमें विधानसभा सत्र की तारीख या कारण का उल्लेख नहीं है, उन्होंने कहा कि वह नए प्रस्ताव की जांच करने जा रहे हैं।
इस बीच, कांग्रेस केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ सोमवार से देशव्यापी विरोध की योजना बना रही है।
इससे पहले, शनिवार को जयपुर के फेयरमोंट होटल में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक के दौरान, CM Ashok Gehlot ने भी कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मिलने जाएगी, अगर जरूरत पड़ी और विरोध प्रदर्शन करने की हद तक जाएगी प्रधान मंत्री निवास के बाहर।
CM ने इससे पहले दिन में राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने के बारे में राज्यपाल के प्रस्ताव पर फिर से काम करने के लिए अपने निवास पर अपने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई थी।
राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा अशोक गहलोत को अपनी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाने से इनकार करने के बाद, राजस्थान के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की देर रात की बैठक में राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने के लिए उठाए गए छह बिंदुओं पर चर्चा की।
यह बैठक मुख्यमंत्री के निवास पर आयोजित की गई जो लगभग ढाई घंटे तक चली।
राज्यपाल ने पहले राज्य सरकार से छह बिंदुओं पर प्रस्ताव पर जवाब मांगा था, जिसमें फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा का सत्र बुलाने का कारण भी शामिल था।
अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, जो 19 असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों के विद्रोह के बाद एक राजनीतिक संकट का सामना कर रही है, जिसमें पार्टी के बागी नेता सचिन पायलट शामिल हैं, बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा सत्र आयोजित करना चाहते हैं।
वर्तमान में, कांग्रेस के पास विपक्ष पर एक संकीर्ण नेतृत्व है और वह केवल 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में 101 के बहुमत के निशान से एक है। टीम पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया; हालाँकि, केवल 19 का सबूत है। भाजपा के पास 72 हैं। छोटे दलों और स्वतंत्र सदस्यों को शामिल करते हुए, विपक्ष के पास इस समय 97 हैं।
शुक्रवार को गहलोत के प्रति निष्ठावान कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सत्र के लिए राजभवन में पांच घंटे का धरना दिया था, राज्यपाल ने आश्वासन दिया था कि वह विधानसभा सत्र बुलाने पर संवैधानिक प्रावधानों के तहत जाएंगे।
धरना से आगे, अशोक गहलोत ने आरोप लगाया था कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्देश नहीं दे रहे थे क्योंकि वह ताकत के किसी भी परीक्षण को रोकने के लिए “ऊपर से दबाव” में थे।
“हमने उनसे कल शाम एक सत्र बुलाने का अनुरोध किया और हमने पूरी रात इंतजार किया, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। यह समझ से परे है कि किस तरह की ताकतें उसे इस तरह की सरल प्रक्रिया में देरी करने के लिए मजबूर करेंगी, ”मुख्यमंत्री ने कहा था।
हालांकि, राज्यपाल कलराज मिश्र ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि कोई भी संवैधानिक अलंकरण से ऊपर नहीं है और उन्होंने कहा कि वह केवल नियमों के अनुसार कार्य करेंगे।
राज्यपाल ने दावा किया कि CM Ashok Gehlot सरकार ने लघु सूचना पर सत्र बुलाने के लिए “न तो औचित्य और न ही कोई एजेंडा” प्रस्तावित किया है।
यह कहते हुए कि किसी भी तरह की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए, उन्होंने कहा कि गुरुवार की रात को राज्य सरकार ने बहुत कम सूचना पर विधानसभा सत्र बुलाने के लिए पत्र जारी किया।
“राजभवन ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श किया,” उन्होंने कहा कि राजभवन द्वारा शुक्रवार को राज्य संसदीय कार्य विभाग को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें कुछ बिंदुओं पर प्रतिक्रिया के लिए कहा गया था, जिसमें से विधानसभा सत्र बुलाया जाना है। कैबिनेट नोट में उल्लेख नहीं किया गया था और कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन नहीं दिया गया था।
“न तो औचित्य और न ही किसी भी एजेंडे में लघु सूचना पर सत्र बुलाने का प्रस्ताव किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में, सत्र बुलाने के लिए 21 दिनों के नोटिस की आवश्यकता होती है।
राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश कि सभी विधायकों की स्वतंत्रता और स्वतंत्र आंदोलन, पत्र, यह देखते हुए कि कुछ विधायकों की अयोग्यता का मामला उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है, राज्य सरकार से इसे संज्ञान में लेने के लिए कहा। ।
इसने राज्य सरकार से यह भी साझा करने को कहा कि राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से प्रसार को देखते हुए सत्र को कैसे बुलाया जाएगा।
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ राजस्थान में कई जगहों पर प्रदर्शन किया, जिसमें अशोक गहलोत सरकार पर “साजिश” करने का आरोप लगाया गया।
कांग्रेस ने शुक्रवार को “हत्या की साजिश” के खिलाफ सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शनों का आह्वान किया था और विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल पर दबाव डाला था।
इससे पहले शुक्रवार को, कांग्रेस सरकार के लिए एक बड़े झटके में, राजस्थान उच्च न्यायालय ने अध्यक्ष के द्वारा अयोग्य ठहराए गए नोटिस के खिलाफ टीम पायलट द्वारा दायर याचिका में कांग्रेस के खिलाफ मामले में केंद्र को एक पक्ष बनाया।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया, गुरुवार को राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री Sachin Pilot और 18 बागी कांग्रेस विधायकों के खिलाफ दलबदल विरोधी कार्यवाही स्थगित करने के हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की राजस्थान की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि “लोकतंत्र में असंतोष की आवाज दबाया नहीं जा सकता ”।
शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए अपनी सुनवाई समाप्त कर दी कि राजस्थान उच्च न्यायालय विधानसभा अध्यक्ष से अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस के खिलाफ विद्रोही विधायकों की याचिका पर आदेश पारित कर सकता है।
राजस्थान पुलिस ने 10 जुलाई की रात को उस समय विस्फोट किया जब राज्य पुलिस ने पायलट को नोटिस भेजकर सरकार को गिराने के एक कथित प्रयास पर अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा।
12 जुलाई को, पायलट ने अपनी पार्टी के खिलाफ खुले विद्रोह की घोषणा करते हुए दावा किया कि उसे 30 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
Sachin Pilot और बागी विधायकों ने 14 जुलाई को दूसरी सीएलपी बैठक में चूक करने के बाद कांग्रेस ने उप मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुख के रूप में पायलट को हटाने की घोषणा की।
उनके विद्रोह में उनके साथ शामिल दो अन्य मंत्री, विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को भी अशोक गहलोत मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था।
उसी शाम, Sachin Pilot सहित 19 असंतुष्ट कांग्रेस नेताओं को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में लिप्त होने के लिए नोटिस दिया।