अजमेर :- वर्षो से इलेक्ट्रिक Train में सफर करने की बाट जोह रहे लोगों के इंतजार की घड़ि उस वक्त खत्म हो गई जब अजमेर स्टेशन से पहली बार इलेक्ट्रिक Janshatabdi Special Train मंगलवार प्रात 5:40 बजे दिल्ली अजमेर-सराय रोहिल्ला के लिए रवाना हुई।
नॉर्थ वेस्टर्न एंप्लाइज यूनियन के मंडल सचिव अरुण गुप्ता ने बताया कि 2017 में एक परियोजना के तहत आर ई के माध्यम से दिल्ली, अजमेर,उदयपुर, अहमदाबाद लाइन को विद्युतीकरण करने का कार्य देश की सरकार ने दिया उसे सही समय पर हमारे आर ई विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने पूरी मेहनत के साथ करने का कार्य किया ।यह गाड़ी दिनांक 27 जुलाई को दिल्ली सराय रोहिल्ला से दोपहर 4:15 पर रवाना हुई और अजमेर के प्लेटफार्म पर रात्रि 10 बजे पहुंची तो एक लंबा इंतजार खत्म हुआ।
यह अजमेर मंडल के लिए एक गर्व की बात है कि अजमेर मंडल का एक बहुत बड़ा हिसा विद्युतीकरण के काम को पूरा कर चुका है और आने वाले समय में भी गाड़ियां दिल्ली सराय रोहिल्ला से अजमेर, दिल्ली से उदयपुर व अहमदाबाद चलने का काम होगा । आने वाले समय में सभी गाडियां इलेक्ट्रिक पावर के साथ चलेगी। साथ ही डीजल इंजन जिसमें ज्यादा खर्चे के साथ गाड़ियों का संचालन होता है विद्युत इंजन के साथ जब यह गाड़ियां चलेगी तो कम खर्चे में संचालन होने का काम होगा। व समय की बचत के साथ-साथ ट्रेन की रफ्तार भी बढ़ेगी।इसी कड़ी में अजमेर स्टेशन से पहली बार इलेक्ट्रिक Janshatabdi Special Train 28 जुलाई मंगलवार प्रात 5:40 बजे दिल्ली अजमेर-सराय रोहिल्ला के लिए रवाना हुई। इसके साथ ही 28 जुलाई मंगलवार का दिन ऐतिहासिक बन गया।
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ट्रेन का अजमेर से दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच किशनगढ़, फुलेरा, रींगस, नीमकाथाना, नारनोल, रेवाड़ी, गुड़गांव, देहली कैंट में पूर्व की तरह ही ठहराव रहेगा, इसमें किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है।
इस अवसर पर कोरोना महामारी के चलते किसी प्रकार के बड़े समारोह का आयोजन नहीं किया गया। इस इलेक्ट्रिक ट्रैन से सफर करने वाले यात्रियों में भी उत्साह देखा गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ मंडल बिजली अभियंता ट्रैक्शन पंकज मीणा, स्टेशन डायरेक्टर आरएल देवड़ा, स्टेशन प्रबंधक सुरेशचंद्र भारद्वाज मौजूद रहे।
मालूम हो कि ये ट्रेन अजमेर के तत्कालीन सांसद एवं केंद्रीय संचार राज्यमंत्री सचिन पायलट के प्रयासाें से शुरू हुई थी। तब इस ट्रेन का नाम दूरंताे एक्सप्रेस था। इसे बाद में जनशताब्दी एक्सप्रेस का नाम दिया गया। लॉकडाउन के बाद से ये स्पेशल ट्रेन के रूप में संचालित हो रही है। फिलहाल ये ट्रेन सप्ताह में 5 दिन संचालित हाे रही है।
इलेक्ट्रिक इंजन से खर्च कम
एक पैसेंजर ट्रेन को डीजल इंजन से चलाने पर 480 रुपये प्रति किलोमीटर खर्च आता है जबकि इलेक्ट्रिक इंजन में यह खर्च सिर्फ 250 रुपये प्रति किलोमीटर आएगा। इससे समय की कमी के साथ-साथ रफ्तार भी बढ़ेगी।
सन 1981 में अजमेर से नीमच के बीच पहली बार मीटर गेज के जरिए ट्रेन चली थी। इसके बाद सन् 1995 में पहली ब्रॉड गेज ट्रेन अजमेर से जयपुर दिल्ली के बीच ट्रेन चलने के बाद मंगलवार 28 जुलाई 2020 को इलेक्ट्रिक ट्रेन की शुरुआत हुई।