Kaal Sarp Dosh, Dhumavati Jayanti का दिन है गरीबी, कर्ज से मुक्ति के लिए शुभ, जरूर करें ये उपाय
मां धूमावती मां पार्वती का उग्र रूप हैं। पापियों को दंड देने के लिए माता पार्वती ने यह अवतार लिया था। इस अवतार की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है।
मां पार्वती (Maa Parvati) के मां धूमावती रूप के बारे में तो हम ही जानते हैं। उनका यह रूप अत्यंत उग्र और विधवा के रूप में है। दरअसल, माता पार्वती ने अपने पति भगवान शिव को भूख से तंग आकर निगल लिया था, इसलिए उनका यह रूप विधवा का रूप है। धूमावती जयंती (Dhumavati Jayanti) ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार धूमावती जयंती 18 जून को है। इस दिन विधि विधान से मां की पूजा करने से अनेक लाभ होते हैं।
धूमावती माता भगवान परशुराम की मूल शक्ति है
पापियों को दंड देने के लिए मां धूमावती ने अवतार लिया था। धूमावती मां ऋषि दुर्वासा, भृगु, परशुराम की मूल शक्ति हैं। इनकी पूजा करने से सभी कार्यों में विजय प्राप्त होती है। इसके अलावा हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है। इस दिन अपनी इच्छा अनुसार पूजा करने के नियम बताए गए हैं।
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इच्छा अनुसार पूजा करने के नियम
- कर्ज से मुक्ति के लिए धूमावती जयंती (Dhumavati Jayanti) पर नीम के पत्तों और घी से हवन करना चाहिए।
- दरिद्रता दूर करने के लिए इस दिन गुड़ और गन्ने से हवन करें।
- पुरानी बीमारी और किसी बड़े संकट से बचने के लिए मीठी रोटी और घी से हवन करें।
- कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) और अशुभ ग्रह दोषों को दूर करने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है। इसके लिए मां के सामने जटामांसी और काली मिर्च से हवन करें।
- सौभाग्य के लिए चंदन को पीसकर उसमें शहद मिलाएं। साथ ही इसमें जौ मिलाकर हवन भी करें।
- जेल, कोर्ट-कचहरी में फंसे लोगों को छुड़ाने के लिए परिजन काली मिर्च से हवन कर सकते हैं।
इन मंत्रों का जाप करें
धूमावती जयंती (Dhumavati Jayanti) के दिन कुछ मंत्रों का जाप करने से भी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके लिए ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्, ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात, धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे, सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयि: या धूं धूं धूमावती ठ: ठ: मंत्र का जाप करें. इस दौरान याद रखें कि यह माता का उग्र रूप है, इसलिए इनके पूजन-हवन में बहुत सावधानी बरतनी पड़ती है। इसलिए यह पूजा किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करें, नहीं तो गलती से नुकसान हो सकता है।
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