राफ़ेल जेट: (Rafale Jet IAF) बुधवार २९ जुलाई २०२० को सुबह अम्बाला एयरबेस पर भारत के पहले पांच ५ राफ़ेल लड़ाकू विमान पहुंचेंगे. राफ़ेल लड़ाकू विमान दुनिया के सब से खतरनाक लड़ाकू विमान माने जाते हैं. इन्डियन एयरफ़ोर्स में इन लड़ाकू विमानों का आना जहां एयरफ़ोर्स का मनोबल बढाएगा, वहीं दुशमनों के लिये हमेशा एक खतरे का अलार्म बना रहेगा. आज हम जानेंगे कि आखिर यह राफ़ेल लड़ाकू विमान हैं क्या?
राफेल का अर्थ क्या है?
राफेल का स्थानीय भाषा में अर्थ होता है तूफान. इस आला दर्जे के लड़ाकू विमान को एक फ्रांसीसी कंपनी ने बनाया है, जिसका नाम है “द सॉल्ट एविएशन” Dassault Aviation. 2004 में राफ़ेल लड़ाकू विमानों को फ्रांसीसी नेवी में शामिल किया गया, जबकि 2006 मे इन्हें फ्रांसीसी एयरफोर्स का हिस्सा बनाया गया.
इन्डिया के अलावा कतर और मिस्र ने भी राफेल लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया है. राफेल नीचे दी गई सभी सिच्येशन्स को आसानी से हैंडल करने में सक्षम है:
क्लोज एयर सपोर्ट
एयर डिफेंस
परमाणु निवारण
एंटी शिप अटैक
एयर सुपिरिओरिटी
लेजर डायरेक्ट (Laser direct) लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक (long range missile attack)
इस में कोई सन्देह नहीं है कि राफेल लड़ाकू विमानों के भारतीय वायूसेना में आने के बाद भारतीय वायुसेना पहले से ज़्यादा मज़बूत होगी और उसका मनोबल भी बढ़ेगा.
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राफेल जेट की काबिलियत और क्षमता
- राफेल लडाकू विमान २ इंजन वाला फाइटर जेट है.
- यह मिटिऑर मिज़ाइल और स्काल्प मिज़ाइलों से लैस है.
- स्काल्प मिज़ाइल की मारक क्षमता करीब 300 किलोमीटर है.
- राफेल लडाकू विमान में इन्डियन एयरफ़ोर्स की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए कुच्छ बदलाव भी किये जाएंगे.
- राफेल लडाकू विमान में राडार वार्निंग रिसीवर्स, इजरायली हेलमेंट माउंटेड डिस्प्ले, लो बैंड जैमर्स, इन्फ्रा रेड सर्च ट्रैकिंग सिस्टम Infrared Search Tracking System और 10 घंटे का फ्लाइट डेटा रिकार्डिंग सिस्टम 10 hours Flight data recording system लगाया जाएगा.
- राफेल विमान की भार वहन क्षमता 9500 किलोग्राम है और यह अधिकतम 24,500 किलो तक के वजन के भार के साथ 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भरने में सक्षम है.
- राफेल की लम्बाई 15.27 मीटर और 5.3 मीटर ऊंचा है. इसकी फ्यूल कैपेसिटी तकरीबन 17 हजार किलोग्राम है.
- राफेल जेट एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई तक की उड़ान भर सकता है. राफेल 2,223 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ सकता है.
- राफेल का राडार 100 किमी के भीतर एक बार में 40 टारगेट का पता लगा लगा सकता है. जिससे दुश्मन के विमान को पता चले बिना भारतीय वायुसेना उन्हें देख पाएगी. एक साथ 40 टारगेट का पता लगाने की खासियत इस फाइटर जेट को दूसरों से और खास बना देता है. राफ़ेल जेट बुधवार २९ जुलाई २०२० को सुबह भारत पहुंच जाएंगे.