Thursday, November 21, 2024
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नेवी फ्लैग और छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मोहर का क्या तालमेल है

नेवी फ्लैग और छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मोहर का क्या तालमेल है

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मोहर क्यों लगाई गई

आइए बात करते हैं हम बात करते हैं नेवी के झंडे के बारे में बहुत से साथियों को यह नहीं पता होगा कि नेवी के झंडे के साथ छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मोहर क्यों लगाई गई है और इसका क्या मतलब है आइए हम आपको विस्तार से बताते हैं

छत्रपति शिवाजी(Chhatrapati Shivaji)नौसेना के जन्मदाता थे भारत में

साथियों आपको बता दें कि नौसेना की शुरुआत छत्रपति शिवाजी जी के द्वारा ही हुई थी सबसे पहले भारत में नौसेना का आविष्कार उनके द्वारा ही किया गया था और उस अविष्कार में उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था कुछ विदेशी ताकतों का भी सहयोग लेना पड़ा था जो उन्होंने लिया लेकिन अपनी नौसेना टीम को खड़ा किया

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) की मोहर कहां से ली गई है

छत्रपति शिवाजी की जो नेवी के झंडे पर जो मोहर लगाई गई है वह सुनहरा बॉर्डर अष्टभुजा छत्रपति शिवाजी महाराज की शादी मेहर से लिया गया है और इस बात को पहली बार सरकार ने माना है की शिवाजी ही जनक थे नौसेना के और वह भी स्वदेशी नौसेना के इसलिए उनकी मोहर का इस्तेमाल किया गया है नेवी के फ्लैग यानी झंडे के ऊपर किया गया है

छत्रपति शिवाजी(Chhatrapati Shivaji) को नौसेना की क्या आवश्यकता हुई

छत्रपति शिवाजी ने स्वदेशी नौसेना तैयार करने के लिए विशेष भूमिका निभाई और उन्होंने एक बड़ा बड़ा तैयार किया और यह उस समय किया गया जब विदेशी ताकतों का भारत पर दबदबा था बोलबाला था उनका और व्यापार करने के लिए समुद्री रास्तों की आवश्यकता पड़ती थी कहीं भी आने और जाने के लिए व्यापार करने के लिए उस समय अहमदनगर के निजाम यह मुगल बादशाह के परिवार से लोगों से इजाजत लेकर ही समुद्र में आया जाया करता था या जहाज को आगे बढ़ाया करता था इन सब समस्याओं को देखते हुए छत्रपति शिवाजी यह बात जान चुके थे कि इनकी रजामंदी के बिना व्यापार भी नहीं किया जा सकता ना आया जाया सकता है समुद्र में क्योंकि इनके पास स्वयं के समुद्री जहाज नहीं थे इन सब बातों को लेकर नौसेना तैयार की

छत्रपति शिवाजी (Chhatrapati Shivaji) साम्राज्य बढ़ाने के लिए नौसेना का विस्तार

जहां हम बात कर रहे हैं इन छत्रपति शिवाजी के द्वारा नौसेना का विश्व का वह दो कारणों के लिए किया था एक तो व्यापार के लिए जो उन्हें व्यापार करने में समस्या आ रही थी दूसरी अपने साम्राज्य को बढ़ाने के लिए छत्रपति शिवाजी को शुरू में तो कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ा लेकिन उन्होंने अपने साहस को कम नहीं होने दिया और ब्रिटेन और पुर्तगाल से जो जहाज के जानकार थे उन्हें बुलाकर अपनी टीम को ट्रेनिंग दिलवाई और ब्रिटिश इंजीनियरों की भी सहायता ली और जहाज का निर्माण करवाया उस समय तो जहाज बनाने में समस्या आई वह आज अच्छे भी नहीं बन पाए लेकिन कुछ समय बाद जहाज बनाए गए छत्रपति शिवाजी के द्वारा जो जहाज बनाए गए थे उनको एक नाम भी दिया गया था गुराब के नाम से जाना जाता था |

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छत्रपति शिवाजी(Chhatrapati Shivaji)जानते थे की बंदरगाह पर कब्जा किए बगैर व्यापार करना नामुमकिन है

छत्रपति शिवाजी जानते थे की बंदरगाह पर कब्जा किए बगैर व्यापार करना नामुमकिन है इसलिए उन्होंने ब्रिटेन पुर्तगाली व अन्य से कई युद्ध लड़े और युद्ध जीते और अपना एक बंदरगाह स्थापित किया और उस बंदरगाह पर लंबे समय तक कब्जा रखा अपना जिसके द्वारा वह अपना व्यापार किया करते थे सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने जहाजों के ऊपर तो युद्ध के साजो सामान 20 सुसज्जित कर दिए थे अगर हम बात करें छत्रपति शिवाजी के जहाजों की तो करीबन 700 से ज्यादा उनके पास नौसेना बड़े के अंदर जहाज हुआ करते थे |

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उनका बेड़ा बहुत बड़ा हुआ करता था क्योंकि वह मुगलों की पुर्तगालियों की ब्रिटेन वासियों की सब की चालों को समझ गए थे इसलिए उन्होंने अपनी नौसेना को बहुत सुसज्जित और मजबूत बना लिया था देखने की बात यह है कि उन्होंने केवल जब 28 वर्ष के थे तो उन्होंने 50 से ज्यादा युद्धपोत जहाज का निर्माण कर दिया था जो उनकी बहुत बड़ी ताकत हुआ करती थी युद्ध में और यही डर पुर्तगालियों मुगलों और ब्रिटेन को खाने सताने लगा था उनकी युद्ध शैली और नौसेना की कमान को देखकर और उन्होंने जब तक राज्य किया बहुत सोच समझकर सूझबूझ के साथ मजबूर नौसेना को बनाए रखा इसीलिए उन्हें नौसेना का जनक कहा जाता है |

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भारत में और आज जब नौसेना को आई एन एस विक्रांत सौंपा गया तो नेवी के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज की शाही मोहर लगाई गई और सभी ने यह मान लिया की छत्रपति शिवाजी ही भारतीय नौसेना के जनक थे और उनकी भूमिका बहुत अहम थी |

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Ashish Tiwari
Ashish Tiwarihttp://ainrajasthan.com
आवाज इंडिया न्यूज चैनल की शुरुआत 14 मई 2018 को श्री आशीष तिवारी द्वारा की गई थी। आवाज इंडिया न्यूज चैनल कम समय में देश में मुकाम हासिल कर चुका है। आज आवाज इन्डिया देश के 14 प्रदेशों में अपने 700 से ज्यादा सदस्यों के साथ बेहद जिम्मेदारी और निष्ठापूर्ण तरीके से कार्यरत है। जिन राज्यों में आवाज इंडिया न्यूज चैनल काम कर रहा है वह इस प्रकार हैं राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, केरला, ओड़िशा और तेलंगाना। आवाज इंडिया न्यूज चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आशीष तिवारी और डॉयरेक्टर श्रीमति सुरभि तिवारी हैं। श्री आशिष तिवारी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र मे पोस्ट ग्रेजुएशन किया और पिछले 30 साल से न्यूज मीडिया इन्डस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इस कार्यकाल में उन्हों ने देश की बड़ी बड़ी न्यूज एजेन्सीज और न्युज चैनल्स के साथ एक प्रभावी सदस्य की हैसियत से काम किया। अपने करियर के इस सफल और अदभुत तजुर्बे के आधार पर उन्होंने आवाज इंडिया न्यूज चैनल की नींव रखी और दो साल के कम समय में ही वह अपने चैनल के लिये न्यूज इन्डस्ट्री में एक अलग मकाम बनाने में कामयाब हुए हैं।
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