चीन के पुरातत्वविदों (Archaeologists) ने एक ऐतिहासिक खजाने की खोज कर डाली है. इस खोज में एक मकबरे से बेशकीमती इतिहास बाहर आया है. यह खजाना चीन के पहले शासक(china first emperor)से जुड़ा है. चीन के आर्कलोजिस्ट्स ने इस गुप्त मकबरे के पास 20 टेराकोट वॉरियर्स को खोजा है.
चीन में 259 से 210 ईसा पूर्व तक उसके पहले शासक (china first emperor) किन शी हुआंग का शासन था. अब तक इसके मकबरे के आसपास 8000 टेराकोटा योद्धाओं (Terracotta Warriors) को खोजा जा चुका है. इसमें 20 एकदम नए हैं. इस खोज के बाद अब चीन में टेराकोटा योद्धाओं की संख्या बढ़ गई है.किन शी हुआंग के समय चीन में कई छोटे-छोटे साम्राज्य एकदूसरे से लड़कर बड़ा राज्य बनाने का प्रयास कर रहे थे. दशकों तक किन अपनी सेना को बढ़ाता रहा और जंग लड़ता रहा. उसके मकबरे से पुरातत्वविदों को 2000 ऐसे टेराकोटा योद्धा भी मिले हैं, जिनके पास तलवार, धनुष-तीर, भाले और तलवार भी रखे थे. हैरानी की बात ये है कि ये सारे अब तक सुरक्षित हैं.
चीन के ऐतिहासिक दस्तावेजों में टेराकोटा योद्धाओं (Terracotta Warriors) के बारे में किसी प्रकार का जिक्र नहीं है. यह भी नहीं पता है कि इन्हें क्यों बनाया गया था. कहा जाता है कि ये सैनिक किन शी हुआंग का वर्चस्व दिखाने का एक तरीका थे. इसलिए ऐसा माना जाता है कि किन शी हुआंग की मौत के बाद दूसरी दुनिया में उनकी रक्षा के लिए टेराकोटा योद्धाओं (Terracotta Warriors) को बनाया गया था.
नए मिले टेराकोटा योद्धा (Terracotta Warriors) एक गड्ढे में दफ्न थे. इस गड्ढे में मुख्य तौर पर इन्फैन्ट्री और रथ थे. इनमें से कुछ योद्धा जनरल के रैंक के दिख रहे हैं. क्योंकि उनका ताज उसी पद के हिसाब से सजा हुआ है. इस बात की पुष्टि चीन के सरकारी मीडिया संस्थान चाइना ग्लोबल टेलिविजन नेटवर्क (CGTN) ने भी की है.
LiveScience में प्रकाशित एक खबर के अनुसार खोज में मिले कुछ टेराकोटा योद्धा (Terracotta Warriors) टूटे हुए हैं. जिन्हें ठीक करने और उनके संरक्षण के लिए इन्हें किन शी हुआंग म्यूजोलियम साइट म्यूजियम को सौंपा जाएगा. हालांकि म्यूजियम से वॉरियर्स के बारे में किसी तरह की पुष्टि की खबर नहीं है.