पिछले एक-डेढ़ महीने से चली आ रही खींचतान के बाद फिनटेक (Fintech) कंपनी भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर एवं मैनेजिंग डाइरेक्टर अशनीर ग्रोवर (Shark Tank ) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जनवरी में विवाद शुरू होने के बाद अशनीर को लंबी छुट्टी पर जाना पड़ा था. उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर (Madhuri Jain Grover) को हाल ही में कंपनी ने टर्मिनेट किया था. इसके बाद अब अशनीर ग्रोवर (Shark Tank ) ने लंबा पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे में उन्होंने कई इमोशनल बातें की और मौजूदा बोर्ड को चैलेंज भी किया.
ग्रोवर ने अपने पत्र में लिखा कि ‘मैं दुख के साथ यह लिख रहा हूं क्योंकि मैंने जो कंपनी बनाई, मुझे उसी को छोड़ना पड़ रहा है. हालांकि मुझे इस बात का गर्व है कि आज भारतपे फिनटेक की दुनिया में लीडर है. इस साल की शुरुआत से मुझे और मेरे परिवार को आधारहीन बातों में उलझाया गया. कंपनी में जो भी ऐसे लोग हैं, वे मेरी छवि खराब करना चाहते हैं. वे कंपनी को प्रोटेक्ट करने का दिखावा भले ही कर रहे हैं, लेकिन वे भारतपे को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.
‘उन्होंने अपनी उपलब्धियों और संघर्षों को भी इस्तीफे में याद किया. उन्होंने बताया कि वह आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद जैसे बड़े संस्थानों से पढ़े हैं. उन्होंने लिखा, ‘मैं मिडिल क्लास में पैदा हुआ हूं, इस कारण मुझे ईमानदारी की वैल्यू पता है. मेरा प्रोफेशनल करियर भी बेदाग रहा है और अपने करियर में मैंने दो यूनिकॉर्न स्टार्टअप ग्रोफर्स (Grofers) और भारतपे को खड़ा किया है. मैंने देश के युवाओं को अपना बिजनेस खड़ा करने के लिए प्रेरित किया है और लाखों लोगों को रोजगार दिया है.’
वह पत्र में कहते हैं, ‘मैंने भारतपे का ध्यान बेबी की तरह रखा है. जब भारतपे यूपीआई स्पेस में उतरी, तब पहले से पेटीएम (Paytm), फोनपे (PhonePe) और गूगलपे (Google Pay) जैसी दिग्गज कंपनियां स्थापित हो चुकी थी. इसके बाद भी मैंने टैलेंटेड टीम की मदद से भारतपे को आगे बढ़ाया और यह कंपनी इंडस्ट्री में लीडर बनकर उभरी. भारत में पहली बार किसी फिनटेक कंपनी ने स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस हासिल किया और बाद में हमने पीएमसी बैंक के डिपॉजिटर्स की गाढ़ी कमाई बचाने का प्रयास किया.’
इस्तीफे के अंत में ग्रोवर ने अपने साथ गलत बर्ताव का आरोप लगाते हुए कंपनी के बोर्ड को चैलेंज भी दिया है. उन्होंने लिखा है, ‘आपको लगता है कि मेरी उपयोगिता समाप्त हो चुकी है. यह ट्रेंड देखा गया है कि स्टार्टअप के सक्सेस के बाद फाउंडर को बाहर करने के लिए उसे विलेन बना दिया जाता है. मेरे साथ भी यही हुआ है. हालांकि आप जांच कर लीजिएगा. आपको मेरे खिलाफ एक भी गड़बड़ी नहीं मिलने वाली है. जहां तक मेरी बात है तो मैंने जो वैल्यू बनाई है, आप लोग उसका आधा भी बनाकर दिखा दें. मैंने भारतपे को बनाया है और इसे मौजूदा मुकाम पर पहुंचाया है. मुझसे यह पहचान कोई नहीं छीन सकता है.’