कर्नाटक के कालेज में हिजाब विवाद यूपी की चुनावी सियासत तक भी पहुंच गया है। AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी (Hijab Controversy Owesi ) और बीजेपी इस मामले पर आमने-सामने हो गए हैं। मामले पर बोलते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं की तरफ से अपने फंडामेंटल राइट Right To Choice की लड़ाई है। चूंकि भारत के संविधान में अब राइट टू च्वाइस एक फंडामेंटल राइट है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुत्तुस्वामी जजमेंट में साफ तौर पर कहा है कि आप किसी को फोर्स नहीं कर सकते हैं कि वह क्या खाएं और क्या कपड़े पहनें।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के नलसा vs यूनियन ऑफ इंडिया (2014) मामले का ज़िक्र करते हुए बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि आर्टिकल 19 के मुताबिक किसी के हिजाब पहननें से किसी को कोई तकलीफ होनी चाहिए। असदुद्दीन ओवैसी (Hijab Controversy Owesi )ने कहा कि हम उस लड़की के हौसले को सलाम करते हैं। यदी इसकी जगह पर कोई लक्ष्मी नाम की हिंदू लड़की भी होती तो भी मैं उसकी तारीफ करता। आखिर ये कौन लोग है जो किसी लड़की के साथ जबरन गुंडा गर्दी करते हैं।
हिजाब विवाद पर मुखर असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग हिपोक्रेसी करते हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी मुस्लिम महिलाओं के भाई होने का दावा करते हैं और अब उन्हें पढ़ने से रोका जा रहा है। ओवैसी ने कहा, ‘पीएम मोदी कहते हैं कि मैं मुस्लिम महिलाओं का भाई हूं। आखिर अब भाईचारा कहां गया। भाजपा की रैली में भी बुर्का पहनी महिलाएं दिखाई गईं। नड्डा जी की आरती उतारती मुस्लिम महिलाएं दिखाई गईं, लेकिन यह हिपोक्रेसी क्यों है।’ इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि कुरान में हिजाब और निकाब पहनने की बात कही गई है।
ओवैसी ने कहा कि महिलाओं की इज्जत के लिए हिजाब जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि मैं किसी महिला को घूरे जा रहा हूं तो वह गुनाह है। पुरुषों के लिए भी आदेश है कि वे ऐसा न करें और अपनी नजरें नीचे करें। ओवैसी ने कहा कि हिजाब हमारे विश्वास का हिस्सा है।