Home देश सरकार के अत्याचारों के खिलाफ संत Baba Ram Singh ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

सरकार के अत्याचारों के खिलाफ संत Baba Ram Singh ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

0
सरकार के अत्याचारों के खिलाफ संत Baba Ram Singh ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
Baba Ram Singh

सरकार के अत्याचारों के खिलाफ संत Baba Ram Singh ने सिंघू बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली।

सुसाइड नोट के अनुसार, संत बाबा राम सिंह ने सरकार के हाथों किसानों के खिलाफ आत्महत्या की है। बाबा राम सिंह एक किसान और हरियाणा SGPC के नेता थे।

दिल्ली-हरियाणा सीमा (सिंघू बॉर्डर) पर किसानों की हड़ताल में शामिल संत बाबा राम सिंह (Baba Ram Singh) ने बुधवार को खुद को गोली मार ली। जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है। उसने सिंघू सीमा के पास आत्महत्या कर ली है। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। एक सुसाइड नोट भी सामने आया है।

ये भी देखे: ससुराल में किसी महिला का अधिकार नहीं छीना जा सकता: SC

उन्होंने किसान आंदोलन का हवाला देकर अपने हक के लिए आवाज उठाई है। सुसाइड नोट के अनुसार, संत बाबा राम सिंह ने सरकार के हाथों किसानों के खिलाफ आत्महत्या की है। बाबा राम सिंह एक किसान और हरियाणा SGPC के नेता थे।

संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने किसानों की पीड़ा देखी। वे अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं। यह बहुत दुःख की बात है। सरकार न्याय नहीं दे रही है। यह जुल्म है। दुख देना पाप है, यह पाप भी है।

संत बाबा राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसानों के पक्ष में और उत्पीड़न के खिलाफ किसी ने कुछ नहीं किया। बहुतों ने सम्मान लौटाया। यह जुल्म के खिलाफ आवाज है। वाहेगुरु जी की खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह।

ये भी देखे:- Jodhpur के युवा इंजीनियर का कमाल, जो मास्क नहीं पहने हैं, सॉफ्टवेयर से पकड़े जाएंगे

आत्महत्या लेख

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के कारण अब तक कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। सोमवार को दो, मंगलवार को एक किसान और अब बुधवार को संत बाबा राम सिंह की मृत्यु हो गई। सोमवार की रात, पटियाला जिले के सफेद गाँव में एक सड़क दुर्घटना हुई, जिसमें दिल्ली से लौट रहे दो किसानों की हत्या कर दी गई।

सिंघू सीमा पर उषा टॉवर के सामने मंगलवार को एक किसान की हत्या कर दी गई। मृतक किसान की पहचान मोहाली (उम्र 70 वर्ष) निवासी गुरमीत के रूप में हुई।

यह आंदोलन 21 दिनों से चल रहा है

दिल्ली की सीमाओं पर 21 दिनों से किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। सभी जंगली थे किसान तीन कानूनों को दोहराने पर अड़े हैं। वहीं, सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है, लेकिन किसान इस प्रस्ताव को खारिज कर रहे हैं।

वहीं, बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित जवाब दिया गया। किसान मोर्चा ने सरकार से अपील की है कि वे अपने आंदोलन को बदनाम न करें और अगर वे बात करना चाहते हैं तो सभी किसानों के साथ मिलकर बात करें।

ये भी देखे:- यदि आप 3 महीने तक खाद्यान्न नहीं लेते हैं, तो आपका Ration Card रद्द हो सकता है

दूसरी ओर, किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने कहा है कि वे किसान संगठनों की बात सुनेंगे, और सरकार से यह भी पूछेंगे कि अब तक समझौता क्यों नहीं हुआ है। किसान संगठनों को अब अदालत ने नोटिस दिया है। कोर्ट का कहना है कि ऐसे मुद्दों का जल्द से जल्द निपटारा होना चाहिए। अदालत ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक समिति बनाने के लिए कहा है, ताकि दोनों आपस में इस मुद्दे पर चर्चा कर सकें।

Previous article ससुराल में किसी महिला का अधिकार नहीं छीना जा सकता: SC
Next article 1 जनवरी से इन सभी स्मार्टफोन्स पर बंद हो जाएगा WhatsApp, कहीं आपका फोन …
आवाज इंडिया न्यूज चैनल की शुरुआत 14 मई 2018 को श्री आशीष तिवारी द्वारा की गई थी। आवाज इंडिया न्यूज चैनल कम समय में देश में मुकाम हासिल कर चुका है। आज आवाज इन्डिया देश के 14 प्रदेशों में अपने 700 से ज्यादा सदस्यों के साथ बेहद जिम्मेदारी और निष्ठापूर्ण तरीके से कार्यरत है। जिन राज्यों में आवाज इंडिया न्यूज चैनल काम कर रहा है वह इस प्रकार हैं राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, केरला, ओड़िशा और तेलंगाना। आवाज इंडिया न्यूज चैनल के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आशीष तिवारी और डॉयरेक्टर श्रीमति सुरभि तिवारी हैं। श्री आशिष तिवारी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र मे पोस्ट ग्रेजुएशन किया और पिछले 30 साल से न्यूज मीडिया इन्डस्ट्री से जुड़े हुए हैं। इस कार्यकाल में उन्हों ने देश की बड़ी बड़ी न्यूज एजेन्सीज और न्युज चैनल्स के साथ एक प्रभावी सदस्य की हैसियत से काम किया। अपने करियर के इस सफल और अदभुत तजुर्बे के आधार पर उन्होंने आवाज इंडिया न्यूज चैनल की नींव रखी और दो साल के कम समय में ही वह अपने चैनल के लिये न्यूज इन्डस्ट्री में एक अलग मकाम बनाने में कामयाब हुए हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here